Garud puran
गरुड़ पुराण – प्रथम प्रष्ट (संक्षिप्त भूमिका)
प्राचीन समय में नैमिषारण्य में शौनक और अन्य ऋषियों द्वारा स्वर्ग प्राप्ति हेतु यज्ञ आरंभ किया गया। वहां सूतजी (पौराणिक कथावक्ता) उपस्थित हुए और ऋषियों ने उनसे संसार, भगवान, यमलोक, शुभ-अशुभ कर्म आदि विषयों पर प्रश्न पूछे ।
सूतजी का उत्तर (सारांश):
सृष्टि के कर्ता, पालक और संहारक हैं भगवान विष्णु जिन्हें जल में निवास की वजह से नारायण कहा जाता है; वे लक्ष्मी के पति भी हैं ।
विष्णु ने धर्म की रक्षा हेतु तेरह (चौबीस या किसी संस्करण अनुसार) अवतार लिए—राम, कृष्ण, नृसिंह, वराह, मत्स्य आदि ।
वेदव्यास विष्णु के ही अंश हैं, और उन्हीं ने पुराणों की रचना की ।
विष्णु रूपी वृक्ष का रूपक देते हुए कहा गया है कि इस वृक्ष की जड़ धर्म, शाखाएँ वेद, पुष्प यज्ञ और फल मोक्ष हैं; वे स्वयं मोक्षदात्री हैं ।
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